शुक्रवार, 12 सितंबर 2025

भ्रष्टाचार में डूबे दो सरकारी विभाग



भ्रष्टाचार में डूबे विभाग : पुलिस और अस्पताल

भारत में भ्रष्टाचार से सबसे अधिक प्रभावित विभागों में पुलिस और अस्पताल प्रमुख हैं। आम आदमी ईश्वर से यही प्रार्थना करता है कि उसे कभी इन दोनों के चक्कर में न पड़ना पड़े। इनकी विशेषता यह है कि ये मददगार बनने के बजाय शोषण का जाल बिछाते हैं।

पुलिस विभाग पूरी तरह निरंकुश हो चुका है। उस पर किसी व्यवस्था का न दबाव है, न प्रभाव। बेलगाम नेताओं और सत्ता के इशारे पर यह विभाग गरीबों के खिलाफ ही अभियान चलाता है। कई पुलिसकर्मी मानते हैं कि यदि वे नियम-कानून के अनुसार काम करें तो उन पर दबाव बनाया जाता है। यही कारण है कि समाज का बड़ा हिस्सा पुलिस से विश्वास खो बैठा है। थाने में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले व्यक्ति को सहयोग मिलना तो दूर, अक्सर अपमान झेलना पड़ता है। दुर्भाग्य है कि नागरिकों की रक्षा के लिए बने कानूनों को किनारे कर पुलिस अपने बनाए नियम थोप रही है। विदेशों में जहां पुलिस जनता की मददगार मानी जाती है, वहीं हमारे यहां वह भय का प्रतीक बन चुकी है।

अस्पतालों की स्थिति भी कम खराब नहीं। सरकारी अस्पतालों में बिना रिश्वत दिए किसी का इलाज संभव नहीं। बिस्तर की कमी के कारण मरीज प्रतीक्षालय में पड़े रहते हैं और डॉक्टर-स्टाफ सेवा भाव से अधिक पैसे वसूलने में रुचि रखते हैं। सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, फिर भी सुविधाएं निजी बाजार के हवाले कर दी जाती हैं। निजी अस्पतालों में भी वही उपचार पाता है, जिसके पास पर्याप्त पैसा हो। गरीब मरीज लाचार होकर मौत के साये में जीते हैं।

सरकार को चाहिए कि इन दोनों विभागों पर कड़ा अंकुश लगाए। जब तक कठोर सुधार नहीं होंगे, तब तक आम आदमी शोषण और भय से मुक्त नहीं हो सकेगा।

**अजामिल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें