गुरुवार, 29 नवंबर 2012

निधन

बहुत याद आयेंगे प्रणव दा

पिछले दिनों इलाहबाद में जोसफेस्ट कार्यक्रम में आयोजित लाघु नाट्य प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में पहुंचे प्रणव भट्टाचार्य से मेरी मुलाकात हुई थी उस समय मै सोच भी नहीं सकता था कि वह उनके साथ आखिरी मुलाक़ात होगी | उस समय वरिष्ट रंगकर्मी अनिल रंजन भौमिक और रंगमंच अभिनेता तन्मय व्यास भी हमारे साथ थे | प्रणव दा का इस तरह जाना मुझे बहुत तकलीफ दे रहा है | क्योंकि मै उनसे परिचित था और परिचित ही रह गया मेरे मन में यह बात हमेशा सालती रहेगी कि मै उन्हें अपना दोस्त न बना सका | यह सोच सकता हूँ कि वह अगर मेरे दोस्त होते तो अपने विचारों से मुझे कितना समृद्ध करते | तेज रफ़्तार बस की टक्कर से प्रणव दा की असामायिक मौत हो गयी वो अपने स्कूटर से घर वापस आ रहे थे | 52 वर्षीय प्रणव भट्टाचार्य काफी समय थे इलाहबाद और इलाहबाद के बाहर थियेटर कर रहे थे | उनके मौत की सूचना मिलते ही बंगाली समाज और रंगकर्मियों में शोक के लहर दौड़ गयी | प्रणव भट्टाचार्य के परिवार में उनकी पत्नी ममता और दो बेटे हैं | प्रणव दा जीवन बीमा निगम से जुड़े थे और समय-समय पर बंगाली परिवारों में पुरोहित का काम भी करते थे |
   प्रणव दा समानांतर नाट्य संस्था के स्तंभों में एक थे | उन्होंने समानांतर से जुड के अनेक नाटकों में अभिनय किया | और रंगमंच के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण जगहें बनाई | प्रणव दा उन रंगकर्मियों में थे जो बिना किसी राजनीति में पड़े सिर्फ कर्म को ही अपना धर्म मानते हैं | प्रणव दा ने बांग्ला भाषा के रंगमंच को भी अपना योगदान दिया था |
   वह बंगाली सोशल एंड कल्चरल असोसिएशन और निखिल भारत बंग साहित्य सम्मलेन के कोषाध्यक्ष होने के साथ-साथ कर्नल गंज बारवारी के संयुक्त सचिव भी थे | प्रणव दा की मृत्यु से इलाहबाद में हिंदी और बांग्ला रंगमंच की जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति संभव नही है | इलाहबाद के सभी रंगकर्मी प्रणव दा को अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं |
प्रस्तुति – अजामिल

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