गुरुवार, 2 मार्च 2017

लोकरंग छायांकन

दृश्य कलाओं का छायांकन एक मुश्किल काम है इसमें कुछ भी पूर्व सुनिश्चित नहीं होता बल्कि जो मंच पर घटित हो रहा होता है उसी में से एक निश्चित समय में चयन कर रहा होता है प्रकाशन संचालन का सारा दारोमदार एक अच्छी तस्वीर का आधार होता है लेकिन यह स्थिति किसी छायाकार के द्वारा नियंत्रित नहीं होती छायाकार को उचित दृश्य के उचित कंपोजीशन को ध्यान में रखकर ही हर दृश्य क्लिक करना होता है लोकरंग के कुछ दृश्यों का छायांकन मैने यहां किया है यह तस्वीरें मोबाइल कैमरे से उतारी गई हैं

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