बुधवार, 4 जुलाई 2018

स्वर्ग ने की बूढ़ी काकी की प्रस्तुति

×××नाटक नौटंकी
××स्वर्ग ने की बूढ़ी काकी की शानदार प्रस्तुति
इलाहाबाद की जानी-मानी नाट्य संस्था स्वर्ग रंगमंडल ने मुंशी प्रेमचंद की बहुचर्चित कहानी बूढ़ी काकी की शानदार प्रस्तुति उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में वरिष्ठ रंगकर्मी और लोकनाट्य विद अतुल यदुवंशी के निर्देशन में की इस अवसर पर सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता गोविंद नामदेव और  वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी  परवेज अख्तर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे मुंशी प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी समाज में बड़े बुजुर्गों के मान सम्मान को लेकर सवालिया निशान लगाती है  और हमें यह सोचने पर विवश करती है कि हम अपने घरों में बड़े बुजुर्गों के साथ कैसा व्यवहार कर रहे हैं और क्या यह उचित है मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी बेहद मार्मिक है और खुशी की बात यह है कि अतुल यदुवंशी ने इसकी नौटंकी शैली में की गई प्रस्तुति में उस मार्मिकता को उभारने में कहीं कोई कसर नहीं छोड़ी बूढ़ी काकी की भूमिका में सोनम सेठ सम्वेदनाओं के स्तर पर अपना सर्वोत्तम देने की कोशिश करती हुई दिखाई देती हैं कई हिस्सों में उनका अभिनय दिल को छू लेता है अन्य अभिनेताओं ने जिस तरह से इस प्रस्तुति में भराव पैदा किया उसने  दृश्य  को  जीवंत कर दिया यह प्रस्तुति नाटक और नौटंकी के मिले-जुले स्वरूप से ही संभव हो सकी गौरतलब है कि इस नौटंकी का आलेख बहुचर्चित नाट्य रूपांतरकार राज कुमार श्रीवास्तव ने किया जिसमें उनकी रचनात्मकता प्रेमचंद की कहानी बूढ़ी काकी की सम्वेदनाओं को उभरने में सफल रही इस नौटंकी के दृश्य बंध बहुत ही खूबसूरत रहे खास तौर पर शादी के अवसर के सारे दृश्य लोकजीवन का अविकल अनुवाद लग रहे थे लोकगीतों के प्रयोग ने  इन दृश्यों में और भी प्राण फूंक दिए प्रस्तुति का संगीत पक्ष न सिर्फ कर्णप्रिय था बल्कि पूरी कथा के प्रवाह को गति दे रहा था सूत्रधार की भूमिका मे रंगा और रंगीली नौटंकी की कथावस्तु के अनुरूप अभिनय करने में सफल रहे मंच परिकल्पना बहुत खूबसूरत थी रंग बिरंगी झंडियों के माध्यम से विवाह का पूरा दृश्य जीवंत कर दिया गया मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी बूढ़ी काकी को फिल्म और नाटक में प्रस्तुत करने की बहुत लोगों ने कोशिश की गुलजार साहब ने भी बूढ़ी काकी पर एक बेहतरीन फिल्म बनाई लेकिन नौटंकी शैली में इसे मंच पर प्रस्तुत के करने का प्रयोग संभवता अतुल यदुवंशी ने पहली बार किया और इन्हें सफलता भी मिली बहुत बड़ी संख्या में प्रेक्षागृह में उपस्थित दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर इस प्रस्तुति को देखा और तालियां बजाकर नौटंकी की सराहना की नौटंकी की प्रस्तुति संवेदनात्मक के स्तर पर सघन होने के कारण बहुत मुश्किल काम था लेकिन अतुल यदुवंशी ने इसे सफलता के पायदान तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी ऑल इंडिया न्यू थिएटर इस सफल प्रस्तुति के लिए निर्देशक और सभी कलाकारों को बहुत-बहुत बधाई देता है
समीक्षा अजामिल
सभी चित्र विकास चौहान

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