बुधवार, 31 जनवरी 2018

नाटक मदारीपुर जंक्शन

××नाटक
द थर्ड बेल ने की
मदारीपुर जंक्शन
की शानदार प्रस्तुति
××सभी कलाकारों ने
कमाल कर दिया
इलाहाबाद के रंग जगत में इस समय जबकि रंग संस्थाओं द्वारा उनके घिसे-पिटे नाटकों को दोहराने का सिलसिला चल रहा है ऐसे में इलाहाबाद की बहु चर्चित संस्था द थर्ड बेल ने कथाकार बालेंदु द्विवेदी के उपन्यास मदारीपुर जंक्शन पर आधारित वरिष्ठ रंग निर्देशक आलोक नायर द्वारा रुपांतरित परिकल्पित तथा निर्देशित नाटक मदारीपुर जंक्शन की उत्तर मध्य क्षेत् सांस्कृतिक केंद्र  के मंच पर  शानदार प्रस्तुति करके  सबको एक बार फिर नाटक के केंद्रीय विचार दलित विमर्श से न सिर्फ जोड़ा बल्कि मानसिक स्तर पर दलितों के अधिकार को लेकर दर्शकों को सोचने पर विवश किया ।  यह नाटक आलोक नायर का एक ऐसा प्रयोग था जो समाज की विकृतियों और विसंगतियों को हास्य और व्यंग्य में लपेटकर नाटक के कथ्य को इस तरह रखता है कि आप अंदर से हिल जाते हैं और आज की सियासत का सच जान पाते हैं ।
यह नाटक इस अर्थ में भी एक अभिनव प्रयोग कहा जा सकता है कि इसमें सभी कलाकारों ने अपने संवाद इलाहाबाद जनपद की स्थानीय बोली और मुहावरों के लटके झटके के साथ न सिर्फ बोले बल्कि उसका आरंभ से अंत तक पूरी ईमानदारी से निर्वाह किया । यह एक मुश्किल काम था लेकिन नाटक के कलाकारों ने इसे बखूबी कर दिखाया । नाटक में मौजूद लचीलेपन के कारण नाटक में अभिनेताओं को अभिनय को खूब स्कोप मिला जिसके कारण वे अपने पात्र को गहरे तक उतर कर जी सके । दो एक कलाकारों को छोड़कर लगभग सभी कलाकारों के संवादों की अदायगी एकदम परफेक्ट थी । सचिन चंद्रा और कुछ अन्य कलाकारों ने इस नाटक को जीवंत बना दिया जिसके चलते नाटक की त्रासदी अपने मर्मस्पर्शी स्वरुप में दर्शकों के समक्ष आ सकी । आलोक नायर का यह प्रयोग हटकर इसलिए भी था क्योंकि इसमें नाटक के कंटेंट को सहज और सर्वग्राही बनाने की पूरी ईमानदार कोशिश की गई । नाटक किसी पार्टी की नारेबाजी में तब्दील नहीं हुआ यही इस नाटक की सबसे बड़ी खूबी रही किसी भी तरह का उपदेश इस प्रस्तुति में नहीं परोसा गया
  इस नाटक का संगीत प्रतिभाशाली रंग अभिनेत्री और निर्देशिका रितिका अवस्थी ने तैयार किया था जो कि कंटेंट को गति देने में पूरी तरह सहायक रहा । सेट डिजाइनिंग और बेहतर की जानी चाहिए थी । नाटक की अगली प्रस्तुतियों में इस ओर अवश्य ध्यान दिया जाएगा । ऑल इंडिया न्यू थिएटर द थर्ड बेल को इस शानदार प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई देता है और उम्मीद करता है कि आने वाले दिनों में हम ऐसी ही प्रासंगिक प्रस्तुतियां इस संस्था की ओर से आगे भी देखेंगे ।
** समीक्षक / अजामिल **सभी चित /्र विकास चौहान

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