गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

नाटक दामाद की खोज की प्रस्तुति

**पिछले  दिनो
*बिगफुट और थिएटर क्लब इलाहाबाद की प्रस्तुति
*दामाद एक खोज*
हास्य और व्यंग नाटकों का मंचन मुश्किल काम है लेकिन आज के दौर में जबकि हमारी तनाव भरी जिंदगी में हंसने हंसाने के मौके लगातार कम होते जा रहे हैं ऐसे भी बहुत जरूरी हो गया है इस मुश्किल काम को लगातार अंजाम दिया जाए और कोशिश की जाए कि लोग हंसे और उनके जीवन कुछ वक्त के लिए ही सही शांति और राहत मिले हास्य व्यंग नाटकों का निर्देशन भी आसान काम नहीं है कहा तो यहां तक जा सकता है कि किसी को आसानी से बड़ा पुणे का दूसरा कोई काम नहीं है तनाव भरी जिंदगी में हंसी घोल देना किसी व्यक्ति को जीवन दे देने के समान है पिछले दिनों इलाहाबाद में इलाहाबाद की जानी-मानी दो नवोदित नाट्य संस्था बिगफुट और थिएटर क्लब इलाहाबाद ने कार्यशाला में तैयार किए गए हास्य व्यंग्य नाटक दामाद एक खोज की बड़ी मनोरंजक प्रस्तुति की युवा निर्देशिका मीनल के निर्देशन में पेश किए गए इस नाटक में  मीनल ने जिंदगी की  विसंगतियों और विकृतियों को परोस कर हमारे लिए हंसने के अवसर तलाश किए दर्शकों ने नाटक का भरपूर मजा लिया और सबसे बड़ी बात यह थी कि तालियां सही जगह पर बजाई इस नाटक की कथावस्तु मैं किस्म-किस्म के दामादों का इंटरव्यू लड़की के बाप ने किया इन दामादों के माध्यम से समाज के कुछ वर्ग पर तंज किया गया नाटक के मंच पर निर्देशिका मीनल ने बड़ी बेबाकी से रंगकर्मियों को भी अपने निशाने पर लिया और उनकी भी कमजोरियां उजागर की यह साहस बहुत कम मंच पर देखने को मिलता है दूसरे पर व्यंग करना आसान है लेकिन जब आप खुद पर व्यंग करते हैं हेलो आपको सच्चे और ईमानदार कलाकार स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं करते इस नाटक मैं नए कलाकारों को उनकी गलतियों और भूलों के साथ देखना बिल्कुल नया अनुभव था जो सच मानिए बहुत अच्छा लग रहा था कलाकारों ने जो किया उसकी तो सराहना की ही जानी चाहिए जो नहीं किया वह भी काबिले तारीफ था हास्य और व्यंग्य नाटक सही समय पर प्रतिक्रिया देने का मजेदार खेल है और इस खेल में सभी कलाकार मंच पर सफल हुए और उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि उन्हें अवसर मिले तो वह बेहतरीन काम कर सकते हैं मीनल को हास्य और व्यंग नाटकों की प्रस्तुति में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए वह ऐसा कर सकती है इस नाटक का मजेदार पहेली इस नाटक का अनाउंसमेंट था जिसमें उद्घोषक ने बहुत प्यार से दर्शकों को बताया क्यों चाहे तो अपना मोबाइल प्रेक्षागृह में खुला रख सकते हैं मोबाइल पर बात वह जरूर करें अपने काम का नुकसान ना करें फोटोग्राफर्स के लिए अनाम सर ने कहा कि अगर फोटोग्राफर को मंच के नीचे से फोटो लेने में कोई असुविधा हो रही हो तो वह मंच पर चढ़कर आराम से फोटो बना सकता है इस विरोधाभासी अनाउंसमेंट का इतना अच्छा असर हुआ की प्रेक्षागृह में एक बार भी मोबाइल नहीं बजा और न कोई फोटोग्राफर मंच पर चढ़ा नाटक की शुरुआत बिल्कुल एक अलग अंदाज में हुई और हमारी समझ में आ गया कि है नाटक हमें कहां ले जाएगा इस नाटक में कुछ वरिष्ठ कलाकारों ने भी शिरकत की उनका प्यार नए कलाकार उसको मिला पर एक नई परंपरा की शुरुआत हुई ऑल इंडिया न्यू पूरे मन से सभी कलाकारों को मीनल को और संस्था के सभी सक्रिय सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई देता है ऐसी प्रस्तुतियां बहुत जरूरी है क्योंकि यह प्रस्तुतियां दर्शक तैयार करती है एक बार दर्शक बन गए तब नहीं कुछ भी दिखाइए वह बहुत प्यार से उसे देखेंगे और रंगकर्मियों का सम्मान करेंगे
समीक्षा और चित्र अजामिल

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