बुधवार, 20 सितंबर 2017

प्रयाग की हाईटेक रामलीला 30 साल पहले

** प्रयाग की रामलीला 30 साल पहले

प्रयाग की विश्व प्रसिद्ध रामलीला 30 साल पहले ही मेकेनिकल माइंड रामचंद्र पटेल ने हाईटेक कर दी थी । इसके पहले तक रामलीला को हाईटेक करने के छोटे-छोटे प्रयास होते रहे लेकिन ये कोशिशें  प्रयाग की सड़कों से होकर निकलने वाली चौकियोंं के छोटे-छोटे मंचों पर हो रही थी इसलिए इन मंचों पर प्रस्तुत किए जा रहे पात्रों में न बहुत ज्यादा गति थी और न अभिनेय ही था । 30 साल पहले रामचंद्र पटेल ने अहियापुर मोहल्ले के तमाम युवाओं को एकत्र करके भारती भवन लाइब्रेरी के सामने एक अस्थाई मंच बनाकर रामलीला प्रसंगों का हाईटेक अभिनय प्रस्तुत किया । इसके बाद इस रामलीला में पात्रों ने बाकायदा उड़ान भरी। ।क्रेन मैनेजमेंट के जरिए पात्र एक स्थान से दूसरे स्थान तक गए । संवादों को लाइट एंड साउंड के माध्यम से और भी ज्यादा प्रभावशाली बनाने का काम रामचंद्र पटेल ने किया । उस दौर के आकाशवाणी के  तमाम जाने माने  कलाकारों ने अपनी आवाज से इस रामलीला में  प्राण फूंक दिए  और एक बार  जैसे सब कुछ  सजीव हो उठा। दर्शकों के लिए यह सब कुछ न सिर्फ नया आकर्षण था बल्कि किताबों में पढ़ी गई कल्पनाओंं के साकार होने जैसा था । भारती भवन लाइब्रेरी के अस्थाई  मंच पर लाइट एंड साउंड के माध्यम से जब रामचंद्र पटेल के निर्देशन में रामलीला का हाईटेक ड्रामा पेश होता था तब कई हजार लोग उसे खड़े होकर देखते थे ।  30 मिनट की अवधि में पेश होने वाली है यह रामलीला प्रस्तुति अंधेरा होते ही शाम 7:00 बजे शुरू हो जाती थी और रात 1:00 बजे तक थोड़े थोड़े अंतराल के बाद इसके कई शो किए जाते थे । और मजेदार बात यह थी कि इसके हर शो में हजारों लोग देखने के लिए फिर जुट जाते थे । रामचंद्र पटेल कि यह रामलीला  लाखों लोग  देखते थे और इसे  प्रयाग कार  गौरव मानते थे । कहने में संकोच नहीं होना चाहिए क़ि प्रयाग की जिस हाईटेक रामलीला को आज एशिया की सबसे बड़ी हाईटेक रामलीला होने का खिताब मिला है, उसका बीज एक छोटे से मेकेनिकल माइंड राम चंद्र पटेल ने आज से 30 साल पहले रखा था जो आज तमाम नई टेक्नोलॉजी के साथ पत्थर चट्टी रामलीला कमेटी के मंच पर 10 दिनों तक हजारों दर्शकों को प्रतिदिन देखने को मिलता है । रामचंद्र पटेल की कल्पनाएं पत्थर चट्टी रामलीला कमेटी के मंच पर टेक्नोलॉजी के एक खास अंदाज में सामने आ रही है और रामचंद्र पटेल लगातार इस दिशा में नए नए प्रयोग करते ही जा रहे हैं जिसका राम भक्त हृदय से स्वागत करते है ।

**अजामिल ं

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